Shree Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi: Powerful Chalisa

Get full Shree Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi which was written by the famous poet-saint Tulsidas of the 16th century in Awadhi language.

Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi-श्री हनुमान चालीसा के साथ भगवान हनुमान की शक्ति, साहस और अटूट विश्वास को अपनाएं। यह शक्तिशाली भक्ति भजन सांत्वना, सुरक्षा और आंतरिक शांति प्रदान करता है। प्रत्येक श्लोक के अर्थ और महत्व का पता लगाएं, जप के लाभों की खोज करें और हनुमान के दिव्य आशीर्वाद की परिवर्तनकारी शक्ति को अनलॉक करें।

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What is Importance of Shree Hanuman Chalisa?

श्री हनुमान चालीसा(Shree Hanuman Chalisa), भगवान हनुमान को समर्पित एक शक्तिशाली भक्ति भजन, हिंदू आस्था की आधारशिला है। इसके छंद लाखों लोगों को सांत्वना, शक्ति और अटूट विश्वास प्रदान करते हैं। लेकिन जो लोग हिंदी से अपरिचित हैं, उनके लिए इसके सुंदर बोल को समझना कठिन हो सकता है। डर नहीं! यह सूची हिंदी में हनुमान चालीसा के बोलों के अर्थ और महत्व को उजागर करती है, जिससे वे सभी के लिए सुलभ हो जाते हैं।

Shree Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi

Shree Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi with Doha and Chopai is given below..

Shree Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi
Shree Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi

दोहा

श्रीगुरु चरन सरोज रज, निजमन मुकुरु सुधारि। बरनउं रघुबर बिमल जसु, जो दायक फल चारि।।

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार। बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।

चौपाई

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।

राम दूत अतुलित बल धामा। अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।

महाबीर बिक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी।।

कंचन बरन बिराज सुबेसा। कानन कुण्डल कुँचित केसा।।

हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजे। कांधे मूंज जनेउ साजे।।

शंकर सुवन केसरी नंदन। तेज प्रताप महा जग वंदन।।

बिद्यावान गुनी अति चातुर। राम काज करिबे को आतुर।।

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया। राम लखन सीता मन बसिया।।

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। बिकट रूप धरि लंक जरावा।।

भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचन्द्र के काज संवारे।।

लाय सजीवन लखन जियाये। श्री रघुबीर हरषि उर लाये।।

रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई। तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।

सहस बदन तुम्हरो जस गावैं। अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैं।।

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा। नारद सारद सहित अहीसा।।

जम कुबेर दिगपाल जहां ते। कबि कोबिद कहि सके कहां ते।।

तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा। राम मिलाय राज पद दीन्हा।।

तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना। लंकेश्वर भए सब जग जाना।।

जुग सहस्र जोजन पर भानु। लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं। जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।

दुर्गम काज जगत के जेते। सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।

राम दुआरे तुम रखवारे। होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।

सब सुख लहै तुम्हारी सरना। तुम रच्छक काहू को डर ना।।

आपन तेज सम्हारो आपै। तीनों लोक हांक तें कांपै।।

भूत पिसाच निकट नहिं आवै। महाबीर जब नाम सुनावै।।

नासै रोग हरे सब पीरा। जपत निरन्तर हनुमत बीरा।।

संकट तें हनुमान छुड़ावै। मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।।

सब पर राम तपस्वी राजा। तिन के काज सकल तुम साजा।।

और मनोरथ जो कोई लावै। सोई अमित जीवन फल पावै।।

चारों जुग परताप तुम्हारा। है परसिद्ध जगत उजियारा।।

साधु संत के तुम रखवारे।। असुर निकन्दन राम दुलारे।।

अष्टसिद्धि नौ निधि के दाता। अस बर दीन जानकी माता।।

राम रसायन तुम्हरे पासा। सदा रहो रघुपति के दासा।।

तुह्मरे भजन राम को पावै। जनम जनम के दुख बिसरावै।।

अंत काल रघुबर पुर जाई। जहां जन्म हरिभक्त कहाई।।

और देवता चित्त न धरई। हनुमत सेइ सर्ब सुख करई।।

सङ्कट कटै मिटै सब पीरा। जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।

जय जय जय हनुमान गोसाईं। कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।

जो सत बार पाठ कर कोई। छूटहि बन्दि महा सुख होई।।

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा। होय सिद्धि साखी गौरीसा।।

तुलसीदास सदा हरि चेरा। कीजै नाथ हृदय महं डेरा।।

दोहा

पवनतनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।

राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।।

जय श्रीराम, जय हनुमान, जय हनुमान।

॥ सियावर रामचन्द्र की जय ॥

॥ पवनसुत हनुमान की जय ॥

॥ उमापति महादेव की जय ॥

॥ बोलो रे भई सब सन्तन की जय ॥

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Who wrote Shree Hanuman Chalisa Lyrics?

श्री हनुमान चालीसा (Shree Hanuman Chalisa lyrics) 16वीं सदी के प्रसिद्ध कवि-संत तुलसीदास (Tulsidas) द्वारा लिखी गई थी। वह भगवान राम के कट्टर भक्त थे और उन्होंने राम के वफादार और शक्तिशाली सेवक भगवान हनुमान को समर्पित एक भक्ति भजन के रूप में चालीसा की रचना की।

तुलसीदास (Tulsidas) को कई अन्य भक्ति कार्यों का श्रेय दिया जाता है, जिसमें महाकाव्य रामचरितमानस (Epic Ramcharitmanas)भी शामिल है, जिसे हिंदी में सबसे बड़ा साहित्यिक कार्य माना जाता है। राम और हनुमान के प्रति उनकी गहन भक्ति ने उनके लेखन को भावनाओं और आध्यात्मिक ज्ञान की गहराई से भर दिया जो आज भी दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रेरित करता है।

ऐतिहासिक और साहित्यिक साक्ष्यों के आधार पर श्री हनुमान चालीसा के रचयिता को व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है और इसका श्रेय तुलसीदास को दिया जाता है। अवधी भाषा पर उनकी महारत और कहानी कहने की उनकी अनूठी शैली पूरे चालीसा में स्पष्ट दिखाई देती है, जो उनके लेखकत्व को और मजबूत करती है।

Shree Hanuman Chalisa
Shree Hanuman Chalisa

Significance of Shree Hanuman Chalisa Lyrics

शक्ति और सुरक्षा के लिए प्रार्थना

पहले छंदों में अंजनी और केसरी के शक्तिशाली पुत्र हनुमान की एक ज्वलंत तस्वीर चित्रित की गई है। उनकी अपार शक्ति, बुद्धि और भगवान राम के प्रति अटूट भक्ति का जश्न मनाया जाता है। मंत्र “दुर्गम काज जगत के जीते, सुगम अनुग्रह तुम्हारे तेते” केवल भगवान राम की कृपा से किसी भी बाधा को दूर करने की हनुमान की क्षमता पर प्रकाश डालता है। यह कविता चुनौतियों पर काबू पाने और जरूरत के समय ताकत पाने के लिए एक शक्तिशाली प्रार्थना के रूप में कार्य करती है।

सदाबहार अभिभावक

गीत में हनुमान को भगवान राम के भक्तों के दृढ़ संरक्षक के रूप में चित्रित किया गया है। वह राम के निवास के द्वार पर पहरा देता है, यह सुनिश्चित करता है कि उसकी सुरक्षा चाहने वालों को कोई नुकसान न हो। “राम दुवारे तुम रखवारे, होते ना आज्ञा बिनु पैसारे” एक रक्षक के रूप में हनुमान की भूमिका और भगवान राम के प्रति उनकी अटूट आज्ञाकारिता के महत्व को दर्शाता है।

आशा और साहस की किरण

श्री हनुमान चालीसा (Shree Hanuman Chalisa) हनुमान की शक्ति और साहस के अविश्वसनीय कारनामों का भी जश्न मनाती है। सीता की खोज के लिए उनकी लंका यात्रा, नगर को जलाना और संजीवनी बूटी के साथ उनकी वापसी, ये सभी उनके अटूट समर्पण और निस्वार्थता के प्रमाण हैं। ये श्लोक हमें साहस और दृढ़ संकल्प के साथ अपनी चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रेरित करते हैं, यह जानते हुए कि हनुमान का आशीर्वाद हमेशा हम पर है।

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर Shree Hanuman Chalisa
Shree Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi

आंतरिक शांति का स्रोत

शारीरिक करतबों से परे, श्री हनुमान चालीसा (Shree Hanuman Chalisa) हनुमान की आंतरिक शक्ति और भक्ति पर भी प्रकाश डालती है। उन्हें शुद्ध भक्ति, विनम्रता और परमात्मा के प्रति समर्पण के प्रतीक के रूप में वर्णित किया गया है। चालीसा का जाप हमें अपने भीतर इन गुणों से जुड़ने में मदद करता है, जीवन के तूफानों के बीच आंतरिक शांति और शांति की भावना को बढ़ावा देता है।

आस्था का एक सार्वभौमिक भजन

श्री हनुमान चालीसा (Shree Hanuman Chalisa)भाषा और धर्म से परे है। भक्ति, शक्ति और साहस का इसका संदेश जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों को प्रभावित करता है। गीत के अर्थ को समझकर, हम हनुमान की दिव्य ऊर्जा के साथ एक गहरा संबंध खोल सकते हैं और अपने जीवन में उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।

याद रखें, श्री हनुमान चालीसा का जाप करने का सबसे महत्वपूर्ण पहलू भक्ति और ईमानदारी है। अभ्यास के प्रति स्वयं को समर्पित करके और इसके अर्थ पर ध्यान केंद्रित करके, आप इसकी परिवर्तनकारी शक्ति को अनलॉक कर सकते हैं और इसके कई लाभों का अनुभव कर सकते हैं।

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Frequently Asked Questions (FAQs): Hanuman Chalisa

Q.1. श्री हनुमान चालीसा का जाप करने से क्या लाभ होते हैं?

Ans: माना जाता है कि श्री हनुमान चालीसा का जाप करने से कई फायदे होते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • शक्ति और साहस में वृद्धि
  • नकारात्मकता और हानि से सुरक्षा
  • बाधाओं और कठिनाइयों को दूर करना
  • लक्ष्यों एवं आकांक्षाओं की प्राप्ति
  • बढ़ी हुई मानसिक स्पष्टता और फोकस
  • आंतरिक शांति और आध्यात्मिक विकास

Q.2. मुझे श्री हनुमान चालीसा का कितनी बार जाप करना चाहिए?

Ans: आपको श्री हनुमान चालीसा का जाप कितनी बार करना चाहिए इसकी कोई निश्चित संख्या नहीं है। हालाँकि, पारंपरिक रूप से विशिष्ट लाभ के लिए इसका जाप 11, 21, 108 या यहां तक कि 1008 बार भी किया जाता है। अंततः, सबसे महत्वपूर्ण कारक है भक्ति और ईमानदारी से जप करना।

Q.3. क्या श्री हनुमान चालीसा का जाप करने का कोई विशिष्ट समय या स्थान है?

Ans: हालाँकि श्री हनुमान चालीसा का जाप करने के लिए कोई भी समय और स्थान उपयुक्त है, सूर्योदय और सूर्यास्त को विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इसके अतिरिक्त, स्वच्छ और शांत स्थान पर जप करने से आपको ध्यान केंद्रित करने और भजन के साथ अपना संबंध गहरा करने में मदद मिल सकती है।

Q.4. अगर मुझे हिंदी समझ नहीं आती तो भी क्या मैं श्री हनुमान चालीसा का जाप कर सकता हूँ?

Ans: हां, अगर आप हिंदी नहीं समझते हैं तो भी आप श्री हनुमान चालीसा का जाप कर सकते हैं। जप के पीछे ध्वनि कंपन और भक्ति का ही शक्तिशाली प्रभाव होता है। हालाँकि, गीत के अर्थ को समझने से आपका अनुभव बढ़ सकता है और भजन से आपका जुड़ाव गहरा हो सकता है।

Q.5. क्या श्री हनुमान चालीसा का जाप करते समय किसी विशेष अनुष्ठान या प्रक्रिया का पालन करना होता है?

Ans: हालांकि किसी सख्त अनुष्ठान की आवश्यकता नहीं है, कुछ लोगों को श्री हनुमान चालीसा का जाप करते समय कुछ प्रथाओं का पालन करना मददगार लगता है। इनमें शामिल हो सकते हैं:

  • जप करने से पहले स्वयं को स्नान या स्वच्छ कर लें
  • साफ-सुथरे कपड़े पहनना
  • धूप या फूल चढ़ाएं
  • रीढ़ की हड्डी सीधी करके आरामदायक स्थिति में बैठें
  • अपनी आंखें बंद करें और अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करें
  • उचित उच्चारण के साथ धीरे-धीरे और स्पष्ट रूप से जप करना
  • भगवान हनुमान के दर्शन करें और भक्तिमय माहौल में डूब जाएं

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